दिनभर की भाग - दौड़ के बाद एक बार गंगा का किनारा घूम आइए , पूरा शहर विशाल घाट श्रृंखला पर घूमता - टहलता नजर आएगा । गंगा की आरती की झांकी आंखों में सहेजते या नाव या पथरीली सीढ़ियों पर बैठे घाटों की दिव्य आभा को हृदय की कोटरों में समेटता दिख जाएगा । वास्तव में अब तक सुबह - ए - बनारस के लिए देश - दुनिया में ख्यात शहर में यह रंग अब और भी चटख हो चला है । कभी नाव से अस्सी से राजघाट तक फेरा लगा आइए लाल - नीली फसाड लाइटों से सजे गंगा तटवर्ती भवनों की गंगा में लहराती छाया इंद्रलोक में उतर आने का सहज अहसास कराएगी । अस्सी घाट पर नित्य सजती घाट संध्या खुद - ब - खुद झूमने को विवश कर जाएगी । माल स्टाल से अलग यह दुनिया अपनी ओर बार - बार बलाएगी । घमक्कड़ी से इतर धर्मानुरागी मन दुनिया से नाता तोड़े मंदिरों में हाथ जोड़े मिल जाएगा । भोले बाबा , संकट मोचन , अन्नपूर्णा मइया समेत देवी देवताओं को शीश नवाता मिल जाएगा । √____o.p इंडियन फ़ोटो
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Apna Kashi
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